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जबतक नहीं आता कोरोना का टीका, आपको वायरस से बचाएगा ये तरीका
चीन से फैले कोरोना वायरस पर वहां तो काफी हद तक नियंत्रण का दावा किया जा रहा है, लेकिन दुनिया के करीब 200 देशों में कोरोना का संक्रमण बढ़ता ही जा रहा है। भारत में भी हर दिन कोरोना संक्रमण के नए मामले सामने आ रहे हैं और इससे होने वाली मौतों का आंकड़ा भी धीरे-धीरे बढ़ता जा रहा है। इससे बचने के लिए भारत समेत कई देशों में लॉकडाउन चल रहा है। सभी देशों की सरकारें वायरस से बचाव के लिए क्वारंटीन या सेल्फ आइसोलेशन पर जोर दे रही हैं। इसका सामान्य अर्थ है, खुद को लोगों से अलग करना। ऐसा कर के ही हम व्यक्ति से व्यक्ति में फैल रहे इस कोरोना वायरस पर नियंत्रण पा सकते हैं, इससे अपना बचाव कर सकते हैं। दरअसल जब तक वैज्ञानिक कोई दवा नहीं ढूंढ लें, तब तक सेल्फ आइसोलेशन ही वह वैक्सीन या टीका है, जो हमें बचा सकता है। तो आइए जानते हैं कि यह कैसे करना है, इस दौरान क्या करना है और क्या नहीं करना है:
इन बातों का भी रखें ध्यान
- जितना संभव हो मास्क पहने रहें
- हाथ धोने और साफ-सफाई का पूरा ध्यान रखें
- कमरे में बाहर की हवा आए, खिड़की हो
- बुजुर्ग के लिए अलग कमरा हो
- शौचालय भी अलग हो, दूसरे प्रयोग न करें
- शौचालय एक है तो सावधानी से साफ करें
- किचन में न जाएं और किसी भी बर्तन को न छुएं
- खाना अपने कमरे में खाएं
किन तरीकों से हो रहा कोविड-19 का इलाज, कैसे ठीक हो रहे हैं कोरोना के मरीज?
किस तरह की दवा काम कर सकती है? अब तक तीन तरह की दवाओं आजमाया जा रहा है:
- एंटीबॉडी ड्रग्स जो सीधे कोरोना वायरस के शरीर के अंदर रहने की क्षमता को प्रभावित करता है।
- ऐसी दवाएं जो प्रतिरोधक प्रणाली को शिथिल करती है। मरीज उस वक्तत गंभीर रूप से बीमार पड़ जाता है जब उसकी प्रतिरोधक प्रणाली ज्यादा काम करती है इससे शरीर को दोतरफा नुकसान पहुंचता है।
- ठीक हुए मरीजों के खून से एंटीबॉडी तैयार करना या फिर लैब में तैयार एंटीबॉडी का इस्तेमाल करना जो वायरस पर हमला कर सकता है।